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"बुरा वक्त आखिर खुदा का इम्तिहान होता है  परखना जब उसने आदमी का ईमान होता है".. Read more
"रौशनी के वास्ते धागे को जलते देख कर ली नसीहत मोम ने ,उसको पिघलना आ गया".. Read more
मेरे रोने की हकीकत जिसमे थी....... एक मुद्दत तक वो कागज़ नम रहा....... Read more
कौन कहता है चाहत दिल से होती है, मेरे शहर में तो सूरत देखकर होती है. Read more
अब उससे राबता भी नहीं,  वो मेरा कोई था भी नहीं  है वो बहोत ज़्यादा अच्छा, पर मैं इतना बुरा भी नहीं Read more
कभी सोचा भी है तुने, की एक मग़रूर सी लड़की,,, न जाने क्यूँ तेरे हर हुक्म की तामील करती है.... Read more
जंग लडनी थी हमें सबके निवाले के लिये  और हम लडते रहे काबा- शिवाले के लिये Read more
जंग लडनी थी हमें सबके निवाले के लिये  और हम लडते रहे काबा- शिवाले के लिये Read more
किताबो के पन्ने पलट के ये सोचते हैं हम... कि यूं पलट जाए ज़िन्दगी तो क्या बात है... Read more
इस दुनिया में कुछ अच्छा रहने दो .....  बच्चों को बस... बच्चा रह ने दो ... Read more
ज्यादा मिठाई अच्छी नहीं लगती  झूठी वाहवाही अच्छी नहीं लगती सच, हक में .. फायदेमंद भी, पर  हमें कड़वी दवाई अच्छी नहीं लगती  तुझे ही हो मुबारक़ बुज़ुर्गों की हवेली  ये दीवार मेरे भाई अच्छी नहीं लगती  मोहब्बत में तकरार लाज़मी है मगर  पर अब ये लड़ाई अच्छी नहीं लगती लुत्फ़ आता है हमें भी यूँ तो पर हरदम बुराई अच्छी नहीं लगती किसे है गुरेज़ ठहाकों कहकहों से पर जगहंसाई अच्छी नहीं लगती कुबूल है तेरी सारी बेवफ़ाइयां, ऐ दोस्त तेरे मुंह से सफाई अच्छी नहीं लगती चुरा ली नींदे नरम पलंग ने, पर क्या करें घर में अब च… Read more
चोर बनता नहीं बच्चा तो भला क्या बनता  जब खिलौना नहीं बाज़ार में सस्ता कोई Read more
चलो फिर मजहबों की बातें करें ......  हादसा फिर हुआ है शहर में ..... #mbaria Read more
किसलिए देखते हो आईना..  तुम तो ख़ुद से भी ख़ूबसूरत हो.. Read more
लुत्फ़े दोज़ख भी लुत्फ़े जन्नत भी.... हाय क्या चीज़ है मुहब्बत भी Read more
उस काँच के गिलास में पड़ी, गरम चाय के दो घूंटो में ही थी, और तुम ज़िन्दगी को कहाँ कहाँ ढूंढते रहे...!!!” Read more
कोई तावीज़ दो रद्द-ए-बाला का ...  मेरे पीछे मोहोब्बत पड़ गयी है ! Read more
तुम्हारी ये हिम्मत ही हमें हिम्मत देती है,  अपने ही सहारे हम चले होते, तो गिर जाते.. (अपने सभी प्यारे फोल्लोवेर्स के नाम.. ) Read more
अब कर लो हमारे लिए भी सब लोग दुआ, मैं हूँ किसी के इश्क में काफिर बना हुआ... Read more
साँस उलझी.. कभी होठों पे तबस्सुम आया.......... यूँ भी अक्सर तेरे आने की.. खबर आई है........ Read more
जिन्दगी की भाग-दौड़ में गुम हो गया......... वो लफ्ज़... जिसे सुकून कहते हैं......... Read more
गुलाबी गाल.. लाल आँखें... और होंठ शबनमी......... पी के आये हो.... या खुद ही शराब हो.......... Read more
कही पर दुआ का इक लफ्ज भी असर कर जाता हैं दोस्त.... तो कही बरसों की इबादत हार जाती हैं. Read more
मेरा क़लम मेरे जज़्बात माँगने वाले मुझे न माँग मेरा हाथ माँगने वाले ये लोग कैसे अचानक अमीर बन बैठे ये सब थे भीक मेरे साथ माँगने वाले तमाम गाँव तेरे भोलपन पे हँसता है धुएँ के अब्र से बरसात माँगने वाले नहीं है सहल उसे काट लेना आँखों में कुछ और माँग मेरी रात माँगने वाले कभी बसंत में प्यासी जड़ों की चीख़ भी सुन लुटे शजर से हरे पात माँगने वाले तू अपने दश्त में प्यासा मरे तो बेहतर है समंदरों से इनायात माँगने वाले -  ज़फ़र गोरखपुरी Read more
क्या उम्मीद करे हम उन से जिनको वफ़ा मालूम नहीं ग़म देना मालूम है लेकिन ग़म की दवा मालूम नहीं जिन की गली में उम्र गँवा दी जीवन भर हैरान रहे पास भी आके पास न आये जान के भी अंजान रहे कौन सी आख़िर की थी हमने ऐसी ख़ता मालूम नहीं ऐ मेरे पागल अर्मानों झूठे बंधन तोड़ भी दो ऐ मेरी ज़ख़्मी उम्मीदों दिल का दामन छोड़ भी दो तुम को अभी इस नगरी में जीने की सज़ा मालूम नहीं - ज़फ़र गोरखपुरी Read more
"यह वफ़ा तो उन दिनों की बात है  जब माकन कच्चे और लोग सच्चे हुआ करते थे".. Read more
"तुम्हारी भूल को मैं भूल समझकर भूल ही जाता, अगर तुम भूल से ही भूल को बस भूल कह देते".. Read more
"दास्ताँ अधूरी हमारी मोहब्बत में रह गयी , वो जालिम ज़माने को अपनाने में रह गयी, आज वही शक्स मेरी न सुनता है न कहता है , मै ताउम्र जिनकी बातो में रह गयी , जिन्दगी आसान ही थी तुमने इश्क से उलझा दिया, अपनी मोहब्बत सवालो-जवाबो में रह गयी , कहता रहा मै उसको मुझपे ऐतबार कर , और वो मशरूफ इल्जामो में रह गयी, तालीम छोड़िये हमने लोगो को पढ़ के जाना है, दुनिया में अच्छाई किताबो में रह गयी ".. Read more
मेरी लाश लेने आप मत आना, कुलबीर को भेज देना, वरना आपको रोता देख लोग कहेंगे की 'देखो भगत सिंह की माँ रो रही है'  -शहीद ऐ आज़म भगत सिंह Read more
"क्या नए ज़ख्म की यह आहट है, मुझको फिर कह गया कोई अपना".. Read more
"जो होना हो जमाने भर में मशहूर, रखिये हुनर कोई औरों से जुदा-ऐ-हुज़ूर".. Read more
"बुलंदिओं का जरा सा सुरूर आते ही, गिरा जमीन पे परिंदा गुरूर आते ही".. Read more
उनसे मिलिए जो यहाँ फेर-बदल वाले हैं  हमसे मत बोलिए हम लोग ग़ज़ल वाले हैं  कैसे शफ़्फ़ाफ़ लिबासों में नज़र आते हैं  कौन मानेगा कि ये सब वही कल वाले हैं  लूटने वाले उसे क़त्ल न करते लेकिन  उसने पहचान लिया था कि बग़ल वाले हैं  अब तो मिल-जुल के परिंदों को रहना होगा  जितने तालाब हैं सब नील-कमल वाले हैं यूँ भी इक फूस के छप्पर की हक़ीक़त क्या थी अब उन्हें ख़तरा है जो लोग महल वाले हैं बेकफ़न लाशों के अम्बार लगे हैं लेकिन फ़ख्र से कहते हैं हम ताजमहल वाले हैं https://www.facebook.com/Munavvarraana Read more
कुछ लम्हो का हिसाब रखने की जुर्रत की... तभी से बेहिसाब हो गए..! Read more
मेरी इतनी औकात कहाँ केकिसी को खरीद सकूँ, लोग खुद ही बिक जाते हैं मेरी सादगी देख कर| Read more
रात सारी गुज़ार दी चंद लफ़्ज़ों के साथ।।  मेरे सवाल से पहले उनका इंकार पहुंचा।। Read more
दूरीयाँ ऐसी है के मिटती ही नहीं अब मैं तेरे पास भी आऊँ तो कहाँ तक आऊँ Read more
तुम को सोचा तो हर सोच में खुश्बू उतरी तुम को लिखा तो हर लफ्ज़ महकता देखा Read more