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वो ग़ज़ल पढने में लगता भी ग़ज़ल जैसा था, सिर्फ़ ग़ज़लें नहीं, लहजा भी ग़ज़ल जैसा था ! वक़्त ने चेहरे को बख़्शी हैं ख़राशें वरना, कुछ दिनों पहले ये चेहरा भी ग़ज़ल जैसा था ! तुमसे बिछडा तो पसन्द आ गयी बेतरतीबी, इससे पहले मेरा कमरा भी ग़ज़ल जैसा था ! कोई मौसम भी बिछड कर हमें अच्छा ना लगा, वैसे पानी का बरसना भी ग़ज़ल जैसा था ! नीम का पेड था, बरसात भी और झूला था, गांव में गुज़रा ज़माना भी ग़ज़ल जैसा था ! वो भी क्या दिन थे तेरे पांव की आहट सुन कर, दिल का सीने में धडकना भी ग़ज़ल जैसा था ! इक ग़ज़ल देखती रहती थी दरीचे से मुझ… Read more
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो, न जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए। Read more
परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता Read more
पलकें भी चमक जाती हैं सोते में हमारी, आंखों को अभी ख्वाब छुपाने नहीं आते। Read more
मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला अगर गले नहीं मिलता, तो हाथ भी न मिला Read more
तमाम रिश्तों को मैं घर पे छोड़ आया था, फिर उस के बाद मुझे कोई अजनबी नहीं मिला। Read more
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है, जिस तरफ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जायेगा। Read more
सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जायेगा, इतना मत चाहो उसे वो बे-वफ़ा हो जायेगा। Read more
कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से, ये नए मिजाज का शहर है, जरा फ़ासले से मिला करो। Read more
हर धड़कते पत्थर को, लोग दिल समझते हैं उम्र बीत जाती है, दिल को दिल बनाने में Read more
लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में, तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में। Read more
गुफ्तगू करते रहा कीजिये यही इंसानी फितरत है, सुना है, बंद मकानों में अक्सर जाले लग जाते हैं... Read more
अब भी तू पास नहीं है लेकिन इस क़दर दूर कहाँ था पहले..... Read more

बाबू जी

घर की बुनियादें दीवारें बामों-दर थे बाबू जी सबको बाँधे रखने वाला ख़ास हुनर थे बाबू जी  तीन मुहल्लों में उन जैसी कद काठी का कोई न था अच्छे ख़ासे ऊँचे पूरे क़द्दावर थे बाबू जी अब तो उस सूने माथे पर कोरेपन की चादर है अम्मा जी की सारी सजधज सब ज़ेवर थे बाबू जी भीतर से ख़ालिस जज़बाती और ऊपर से ठेठ पिता अलग अनूठा अनबूझा सा इक तेवर थे बाबू जी कभी बड़ा सा हाथ खर्च थे कभी हथेली की सूजन मेरे मन का आधा साहस आधा डर थे बाबू जी.। आलोक श्रीवास्तव जी Read more

रास्ता

बीच का रास्ता नही होता, इश्क़ होता है, या नही होता..!! Read more