अनमोल शब्द
1) रिश्तों की असल खूबसूरती एक दूसरे की बात बर्दाश करने में है
२) बे-ऐब इंसान को तलाश मत करो वरना अकेले रह जाओगे
३) जब किसी काम का इरादा करो तो उसका अंजाम सोच लो, अगर अंजाम अच्छा हो तो कर लो, और अगर अंजाम बुरा हो तो उस से
रुक जाओ
४) किसी से नाराजगी का वक़्त इतना तवील न रखो के वो तुम्हारे बगैर ही जीना सीख जाए
५) गुनाह में लज़्ज़त होती है, सुकून नहीं
६) बात अलफ़ाज़ की नहीं लहजे की होती है, किसी के बारे में बुरा मत सोचो, हो सकता है वो खुदा की नज़र में तुम से बेहतर हो
७) कोई गुनाह लज़्ज़त के लिए मत करना, क्योंके लज़्ज़त खत्म हो जायेगी और गुनाह बाक़ी रहेगा, और कोई नेखी तकलीफ की वजेह
से मत छोडो, क्यों के तकलीफ खत्म हो जायेगी और नेकी बाकी रहेगी.
1) रिश्तों की असल खूबसूरती एक दूसरे की बात बर्दाश करने में है
२) बे-ऐब इंसान को तलाश मत करो वरना अकेले रह जाओगे
३) जब किसी काम का इरादा करो तो उसका अंजाम सोच लो, अगर अंजाम अच्छा हो तो कर लो, और अगर अंजाम बुरा हो तो उस से
रुक जाओ
४) किसी से नाराजगी का वक़्त इतना तवील न रखो के वो तुम्हारे बगैर ही जीना सीख जाए
५) गुनाह में लज़्ज़त होती है, सुकून नहीं
६) बात अलफ़ाज़ की नहीं लहजे की होती है, किसी के बारे में बुरा मत सोचो, हो सकता है वो खुदा की नज़र में तुम से बेहतर हो
७) कोई गुनाह लज़्ज़त के लिए मत करना, क्योंके लज़्ज़त खत्म हो जायेगी और गुनाह बाक़ी रहेगा, और कोई नेखी तकलीफ की वजेह
से मत छोडो, क्यों के तकलीफ खत्म हो जायेगी और नेकी बाकी रहेगी.
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