ज़रा उदास भी हूँ, लेकिन मसरूर भी हूँ
उसके पास हूँ, शायद दूर भी हूँ
यूँ पथरीले रास्ते पे चलना शौक नहीं मेरा
कुछ मामला चाहत का है, कुछ मजबूर भी हूँ
मोहब्बत हो गयी उस से, बस यही खता रही मेरी
माना के मुजरिम हूं, मगर बेकसूर भी हूँ
उसके पास हूँ, शायद दूर भी हूँ
यूँ पथरीले रास्ते पे चलना शौक नहीं मेरा
कुछ मामला चाहत का है, कुछ मजबूर भी हूँ
मोहब्बत हो गयी उस से, बस यही खता रही मेरी
माना के मुजरिम हूं, मगर बेकसूर भी हूँ
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